लखीमपुर कस्तूरबा गाँधी आवासीय बालिका विद्यालय में जारी वार्षिक अवकाश तालिका कैलेंडर में करवाचौथ का अवकाश 17 अक्टूबर से 18 अक्टूबर तक सुनिश्चित किया गया था। जबकि बेसिक शिक्षा विभाग खीरी द्वारा परिषदीय विद्यालय में 18 अक्टूबर से अर्धवार्षिक परीक्षा की स्कीम घोषित हुई है जो परिषदीय व कस्तूरबा विद्यालयों में एक साथ होनी हैं
कस्तूरबा आवासीय विद्यालयों में ग्रीष्मावकाश को छोड़कर पूरे सत्र में सिर्फ 20 दिन का ही अवकाश होता है
करवाचौथ पर अगर विवाहित शिक्षिकाओं को अवकाश दिया जाए और अविवाहित को नहीं तो ये एक तरह से उचित नहीं है क्योंकि कस्तूरबा आवासीय बालिका विद्यालय की शिक्षिकाओं को पूरे वर्ष में सिर्फ 20 अवकाश प्राप्त करते है और परिषदीय विद्यालय जो आवासीय नहीं है वह पूरे सत्र में 20 से काफी अधिक अवकाश प्राप्त करते हैं। यहां पर यह ध्यान देना आवश्यक है कि आवासीय विद्यालय का प्रशासन परिषदीय से अलग है तो परीक्षा स्कीम भी अलग अलग घोषित होनी चाहिए यदि नही तो दोनों के बीच समन्वय बनाकर जिसमें अवकाश आदि पर भी ध्यान देना चाहिए। क्योंकि परिषदीय विद्यालयों में कस्तूरबा बालिका विद्यालयों से ज्यादा अवकाश होते है। इन सभी समस्याओं पर बेसिक शिक्षा विभाग ने विचार न करते हुए एक समान स्कीम घोषित कर दी। जिससे कस्तूरबा मुख्यालय परियोजना द्वारा घोषित 18 अक्टूबर का अवकाश एक तरह से बीएसए द्वारा निरस्त कर दिया गया है। गौरतलब है कि परिषदीय विद्यालयों में 18 अक्टूबर की परीक्षा होने के बाद 3 दिन का अवकाश है जबकि कस्तूरबा में तो कोई अवकाश नहीं है क्योंकि वह एक आवासीय विद्यालय है। परीक्षा स्कीम बनाते समय इस बात का ध्यान न रखा गया कि शासन द्वारा घोषित 20 अवकाश में से एक अवकाश आवासीय विद्यालय की शिक्षिकाओं का निरस्त हो जाएगा वह भी करवाचौथ जैसे महत्वपूर्ण त्यौहार का है अब केवल 19 अवकाश ही उन्हें वर्ष भर में मिल पाएंगे। बहरहाल ऐसा लग रहा है कि बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा घोषित परीक्षा के चलते करवाचौथ पर घोषित इस अवकाश के न मिल पाने के कारण कस्तूरबा की शिक्षिकाएं शायद इस त्योहार पर विद्यालय छोड़ घर नहीं जा पायेंगी। हालांकि नौकरी के भय से इस संदर्भ में भले ही कोई शिक्षिका अपना मुंह न खोले परन्तु हर शिक्षिका को बेसिक शिक्षा की इस कारस्तानी पर मलाल अवश्य है क्योंकि वह महिलाओं के इस विशेष त्योहार पर वह अपने घर जाने को लेकर पेशोपेश में जो पड़ गयीं हैं।