देश-विदेश में इंटरनेट पर हिंदी के व्यापक प्रचार-प्रसार और ब्लॉगिंग के माध्यम से अपनी रचनाधर्मिता को विस्तृत आयाम देने वाले लखनऊ (मुख्यालय) परिक्षेत्र, उत्तर प्रदेश के निदेशक डाक सेवाएं कृष्ण कुमार यादव के ब्लॉग "डाकिया डाक लाया" (http://dakbabu.blogspot.in/) को टॉप हिंदी ब्लॉग्स में शामिल किया गया है। वर्ष 2008 से ब्लॉगिंग में सक्रिय एवम ''दशक के श्रेष्ठ हिंदी ब्लॉगर दम्पति'' और सार्क देशों के सर्वोच्च ''परिकल्पना ब्लॉगिंग सार्क शिखर सम्मान'' से सम्मानित कृष्ण कुमार यादव के ब्लॉग को इंडियन टॉप ब्लॉग्स द्वारा हाल ही में जारी हिंदी के सर्वश्रेष्ठ 83 ब्लॉगों की डायरेक्टरी में स्थान दिया गया है। सौ से ज्यादा देशों में देखे-पढ़े जाने वाले 'डाकिया डाक लाया' पर अब तक 1023 पोस्ट प्रकाशित हैं। इसे पाँच लाख सत्तर हजार से ज्यादा लोगों ने पढ़ा है।
प्रशासन के साथ-साथ साहित्य व लेखन में भी सक्रिय डाक निदेशक कृष्ण कुमार यादव की अब तक 7 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। देश-विदेश में शताधिक सम्मानों से विभूषित श्री यादव एक लंबे समय से ब्लॉग और सोशल मीडिया के माध्यम से हिंदी साहित्य एवं विविध विधाओं में अपनी रचनाधर्मिता को प्रस्फुटित करते हुये अपनी व्यापक पहचान बना चुके हैं। नेपाल, भूटान और श्रीलंका सहित तमाम देशों में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर्स सम्मेलन में भी सम्मानित हो चुके हैं। गौरतलब है कि श्री यादव इससे पूर्व पोर्टब्लेयर,अंडमान-निकोबार द्वीप समूह, इलाहाबाद व जोधपुर में भी निदेशक डाक सेवाएं के पद पर रह चुके हैं।
लखनऊ 16 मार्च 2021, बैंक एवं एलआईसी का निजीकरण के विरोध को लेकर विद्युत मजदूर संगठन उत्तर प्रदेश एवं विद्युत संविदा मज़दूर संगठन उत्तर प्रदेश की संयुक्त बैठक केंद्रीय कार्यालय हम्बरा अपार्टमेंट नरही लखनऊ में संगठन के अध्यक्ष अरुण कुमार की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई।। बैठक में मुख्य रूप से आलोक सिन्हा मुख्य महामंत्री, श्रीचन्द्र महामंत्री, पुनीत राय संयोजक संविदा, आर वाई शुक्ला, जलीलुर्रह्मान, शैलेंद्र कुमार, अभिषेक सिंह, राजीव चंद्रा, कन्हई राम, बसंत लाल, सचिन श्रीवास्तव, जे पी त्रिपाठी, राजीव अवस्थी, कमल किशोर, मनीष श्रीवास्तव, रवि द्विवेदी,जेपी पाण्डेय, सुभाष मिश्रा, राहिल आदि लोग उपस्थित हुए।। मीडिया प्रभारी विमल चंद्र पांडे ने बताया कि बैठक में चर्चा के उपरांत बैंक एवं एलआईसी का निजीकरण किये जाने के विरोध को लेकर सर्वसम्मत से आंदोलन का नैतिक समर्थन दिए जाने का निर्णय लिया गया और सरकार से सार्वजनिक क...